एसीएन बिजनेस
कृषि को लेकर केन्द्र से लेकर राज्य सरकारें किसानों को कृषि यंत्रों से लेकर खेती एवं फसलों में भी सब्सिडी दे रही है। सरकार ने कृषि को लेकर काफी बढ़ावा दिया जा रहा है। एक तरफ केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के खाते में दो हजार रूपया भी डाला जा रहा है । वहीं लोग अपने -अपने राज्य में खेती के लिए कोई ट्रैक्टर से लेकर अन्य मशीनरी खरीदतें है तो उन्हें उनके खाते में 50 प्रतिशत से अधिक की भी सब्सिडी दी जा रही है।
किसानों को एग्री कल्चर विभाग में स्कीमों का करना चाहिए पता
किसान भाईयों को खेती से संबंधित स्कीमों का अपने एग्रीकल्चर विभाग में जाकर पता करना चाहिए । हर राज्य में उस राज्य की सरकार द्वारा किसानों को कई लाभ दिये हैं किसी राज्य में खेती के लिए तो किसी राज्य में खेती से जुड़ी मशीनरी को लेकर सब्सिडी दी है।
कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय
किसान अलग अलग किस्म की खेती में विभिन्न प्रकार के यंत्रो का उपयोग करते है। इस लिए सरकार ने सभी प्रकार की खेती में उपयोग होने वाले यंत्र को अलग कर दिया है। देश के मध्यप्रदेश कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय द्वारा राज्य में गन्ना फसल कटाई का यंत्रीकरण ,फसल अवशेष प्रबंधन, ड्रोन सम्बंधित प्रोजेक्ट एवं धान फसल यंत्रीकरण को लेकर हाईटेक हब की स्थापना के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इस योजना के अंतर्गत किसान 1 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र खरीद कर हाईटेक हब की स्थापना कर सकते हैं, इस पर किसानों को 40% की सब्सिडी मिलेगी। जिससे किसानो को काफी छूट मिलेगी।
इन यंत्रो पर मिलेगी सब्सिडी
सरकार किसानो के लिए ये हाईटेक हब की स्थापना में अनुदान दे रही है। इन हाईटेक हब में कई तरह के यंत्र होंगे हाईटेक हब की स्थापना करने के लिए किसानों को कई प्रकार के कृषि यंत्र खरीदना पड़ेगा। जिसमें किसान अलग-अलग प्रकार के हाईटेक हब जैसे धान फसल यंत्रीकरण, फसल अवशेष प्रबंधन, गन्ना फसल कटाई का यंत्रीकरण एवं ड्रोन सम्बंधित प्रोजेक्ट के लिए कृषि यंत्र खरीद सकते हैं। इन सभी यंत्रो के हाईटेक हब के लिए अगर आप आवेदन करते है तो इनके साथ आपको और भी बहुत सारे पार्ट्स मिलेंगे जो अलग अलग तरह की खेती में इस्तेमाल होते है।
कौन कर सकता है आवेदन
योजना का लाभ उठाने के लिए सबसे अहम् बात व्यक्ति उस राज्य का निवासी हो। इस योजना के लिए व्यक्तिगत आवेदक,पंजीकृत कृषक समूह,एफपीओ,उद्यमी आवेदन के लिए पात्र होंगे। व्यक्तिगत श्रेणी में व्यक्ति उस प्रदेश के मूल निवासी होना चाहिए तथा कृषक समूह मध्य प्रदेश में ही पंजीकृत होना आवश्यक है। हर राज्य में अलग -अलग तरह की स्कीमें हैं ।