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Wednesday, June 18, 2025
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साइकिल उद्योग को 30 जून तथा माइक्रो इंडस्ट्री को 80% तक पियूष गोयल ने दी रिबेट

साइकिल उद्योग को 30 जून तथा माइक्रो इंडस्ट्री को 80% तक पियूष गोयल ने दी रिबेट : जीवन गुप्ता

पियूष गोयल व सोम प्रकाश से जीवन गुप्ता ने मुलाकात कर साइकिल उद्योग की समस्याओं का करवाया समाधान।

 

लुधियाना: 26 जनवरी (गगनदीप    ), भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश महासचिव जीवन गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारियों के शिष्टमंडल ने साइकिल उद्योग को रिफ्लेक्टर संबंधी दरपेश आ रही समस्याओं को लेकर आज फिर दिल्ली में केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल तथा केन्द्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश से मुलाकात की तथा समस्या का समाधान करवाया। इस अवसर पर गुप्ता के साथ भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी तथा जिलाध्यक्ष रजनीश धीमान, यूनाइटेड साइकिल पार्ट्स कंपनी के अध्यक्ष बी. एस. चावला, सुधीर महाजन, सुरिंदर सिंह चौहान, तरसेम थापर आदि शामिल थे।

जीवन गुप्ता ने इस संबंधी जारी अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि 19 जनवरी 2023 को पंजाब के साइकिल इंडस्ट्री से जुड़े उद्योगपतियों के शिष्टमंडल ने केन्द्रीय उद्योग मंत्री पियूष गोयल तथा केन्द्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश से मुलाकात कर आपनी समस्याओं के बारे में विस्तृत जानकारी देकर अपना मांगपत्र दिया था। केन्द्रीय मंत्रियों द्वारा उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनने के बाद शिष्टमंडल को एक हफ्ते में इसके समाधान का आश्वासन दिया था। आज केन्द्रीय मंत्री पियूष गोयल तथा केन्द्फ्रिय राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने इन उद्योगपतियों को पहली जनवरी से 30 जून 2023 तक राहत प्रदान कर दी है। इसके साथ ही एमएसएमइ के अधीन आने वाली माइक्रो इंडस्ट्री को लगने वाली फीस में भी 80 प्रतिशत तक की रिबेट दे दी है।

जीवन गुप्ता ने कहा कि एशिया के सबसे बड़े साइकिल हब के रूप में विश्व-विख्यात है और यहाँ हर साल करीब डेढ़ करोड़ से अधिक साइकिलों का निर्माण होता है। विश्व प्रतिस्पर्धा में भारतीय साइकिलों की अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता को और बढ़ाने के लिए 1 जनवरी 2023 से साइकिलों पर 10 से 12 रिफ्लेक्टर लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। जिसके चलते अब देश में कोई भी साइकिल निर्माता कंपनी बिना रिफ्लेक्टर वाली साइकिल नहीं बनाएगी ना ही कोई भी व्यापारी बिना रिफ्लेक्टर के साइकिल बेचेगा। कंपनियों को भारतीय मानक निर्माता (बीआईएस) से लाइसेंस का प्रमाण पत्र (सीओसी) भी अनिवार्य कर दिया गया है। जिस निर्माता के पास सीओसी नहीं होगा, वह साइकिल नहीं बना पाएगा तथा सीओसी के वार्षिक लाइसेंस का शुल्क एक लाख रुपये निर्धारित किया गया है। जिसके चलते साइकिल की कीमत भी प्रभावित होगी। साइकिल उद्योग से जुड़े छोटे उद्योगों को इससे आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। जिसको लेकर साइकिल उद्योग के शिष्टमंडल ने केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के बारे में उन्हें विस्तृत जानकारी देते हुए आपना मांगपत्र भी उन्हें सौंपा था।

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