जालंधर (ACN): कहते हैं अगर इरादा पक्का हो तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है। ऐसा ही एक काम जालंधर के सेंट सोल्जर ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूशन्स की बी.पी. एड की छात्रा मीनू ने कर दिखाया है। बता दें, उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माऊंटएवरैस्ट (29,035 फीट) और दुनिया की चौथी सबसे ऊंची चोटी लोल्से (27,940 फीट) पर एक साथ चढ़कर देश का नाम रौशन किया है। मीनू का बचपन से ही इस चोटियों पर चढ़ने का सपना था। बता दें, उन्होंने मात्र 57 दिनों में इन दोनों चोटियों पर चढ़कर फतेह हासिल की।
मीनू ने दिया विमेन एम्पावरमैंट का संदेश
बता दें, मीनू ने इन दोनों चोटियों पर अपने इंस्टीच्यूशन्स का झंडा लहराकर विमेन एम्पावरमैंट का संदेश दिया है। उनकी इस उपलब्धि से खुश होकर इंस्टीच्यूशन्स के चेयरमैन अनिल चोपड़ा, वाइस चेयरपर्सन श्रीमति संगीता चोपड़ा ने छात्रा मीनू को सम्मानित किया। इसी के साथ उन्होंने एक पुरानी फोटो भी शेयर की।
हर कोई कह रहा मीनू की तारीफ
मीनू की इस बड़ी जीत की तारीफ करते हुए चेयरमैन चोपड़ा ने कहा कि मीनू ने साबित कर दिखाया है कि जज्बा होने से कुछ भी पाया जा सकता है। बती दें, इससे पहले छात्रा मीनू ने साल 2021 में हिमाचल प्रदेश की फ्रैंडशिप चोटी (17,352 फीट), दक्षिण अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी किलिमंजारो (19,334 फीट) पर चढ़ाई की। इसके बाद साल 2022 में नेपाल की चोटी मेरापीक (21,247 फीट) पर अपनी जीत का झंडा लहराया है। ऐसे में वे अपनी इस जीत से अपने अभिभावकों, संस्था और देश का मान बढ़ा चुकी है।
साधारण परिवार से हैं मीनू
बात मीनू के परिवार की करें तो वे एक सिंपल सी फैमिली से ताल्लुकात रखती है। उसके पिता जी कृष्ण कालीरमण एक किसान है, जो खेती कर परिवार को पालते हैं। उनका पूरा परिवार 2 एकड़ की जमीन पर गुजारा करता है। मीनू की तरह उनके पिता का भी यह सपना था कि उनकी बेटी माऊंट एवरैस्ट पर चढ़कर देश का नाम रौशन करें। ऐसे में वे हमेशा से ही अपनी बेटी को प्रेरित करते व उसका साथ देते आए हैं।