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Friday, November 22, 2024
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नाटशाला में औरतों के दर्द,भावनाओं,आत्म सम्मान और जजबों को बाखूबी किया पेश

नाटशाला के सहयोग से आवाज रंगमंच टोली ने पेश किया नाटक कहानी वाली अमृता
कलाकारों ने औरतों के दर्द,भावनाओं,आत्म सम्मान और जजबों को बाखूबी किया पेश ….बराड़

अमृतसर  सिटीन्यूज

शनिवार की शाम को पंजाब नाटशाला के सहयोग से आवाज रंगमंच टोली की और से अमृता प्रीतम लिखित एंव नवनीत रंधे निर्देशित पंजाबी नाटक कहानी वाली अमृता का शानदार मंचन किया गया । पेश किए गए नाटक में अमृता प्रीतम की चार काहनियां छमक छल्लों,कर्मावालीं,जंगली बूटी एंव हाउका  में  औरतों के दर्द,भावनाओं,आत्म सम्मान और जजबों को बाखूबी पेश किया गया।
अमृता प्रीतम की कहानियां का रुपांतर कंवल रंधे ने किया और नाटक के गीत साहिब सुरिंदर के लिखे हुए तथा संगीत गगन वडाली का था।  नाटक की पहली कहानी छमक छल्लों में सौतेली मां की तरफ से पीड़ित एक युवती के दर्द की कहानी को ब्यान करता है। दूसरी कहानी कर्मवाली में दिखाया गया है कि किसी औरत को अपने आत्मसम्मान के लिए किसी भी तरह का समझौता नहीं करना चाहिए। तीसरी कहानी जंगली बूटी में औरत के अंदर प्रेम के  भावों को पेश करती है। चौथी कहानी हाउका में दिखाया गया कि औरत अपने परिवार की खुशी के लिए कैसे हर कुर्बानी के लिए तैयार रहती है।
नाटक के अंत में पेशकारी देने वाले कलाकारों को नाटशाला संस्था की ओर से जतिंदर बराड़
 ने सर्टफिकेट देकर सम्मानित किया।

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