धनतेरस को लेकर लोग प्रत्येक वर्ष यहां सामान एवं गहने खरीदते है। क्योंकि इस दिन को शुभ माना गया है। लोग इन दिनों घरों व अपने दफ्तरों दुकानों आदि में साफ-सफाईकरते हैं। इस दिन लक्ष्मी एवं कूबेर का पूजन भी करते हैं।
इस बार प्रदोषकाल में सुख-समृद्धि के लिए लक्ष्मी व कुबेर और आरोग्यता के लिए भगवान धनवंतरी का पूजन होगा। आंगन में बनेगी रंगोली, जलेंगे दिये। धनतेरस इस बार शनिवार को एवं रविवार को मनाईजा रही है। महामुहूर्त में रोशन बाजार में धन बरसेगा और हर ओर पंच पर्व का उजास छाएगा। पहले दिन प्रदोषकाल में सुख-समृद्धि के लिए लक्ष्मी व कुबेर का पूजन के साथ अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए प्रदोषकाल में दीप दान किया जाएगा।
रविवार को सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग में मध्यान्ह काल में भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाएगा। इस मौके पर आंगन में रंगोली सजेगी और दीये जलेंगे।ज्योर्तिविदों के मुताबिक दो दिन बन रहे खरीदारी के इस महामुहूर्त में सोना, चांदी, भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रानिक उपकरण की खरीदारी तीन गुणा लाभ देने वाली बन रही है।
23 अक्टूबर की शाम को प्रदोषकाल में रूप चतुर्दशी का दीपदान होगा जबकि अगले दिन 24 को सूर्योदय से पहले रूप सौंदर्य के लिए अभ्यंग्य स्नान किया जाएगा। शाम प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से इसी दिन महालक्ष्मी पूजन भी होगा। अगले दिन सूर्यग्रहण होने से 25 अक्टूबर को कोई त्योहार नहीं मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजन 26 और भाईदूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी।