40 C
Amritsar
Wednesday, June 18, 2025
spot_img

जरा ध्यान से एंटीबायोटिक दवाईयों से करें परहेज

एसीएन सेहत

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने लोगों की सेहत को लेकर नये दिशा निर्देश जारी किय हैं उनके द्वारा बताया गया है कि लोगों को कम बुखार या वायरल ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक दवाईयों को लेकर न इस्तेमाल करने के लिए कहा कि वहीं चिकित्सकों को भी इन दवाओं का परामर्श देते समय का ध्यान रखने की सलाह दी है। ICMR के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि स्किन और सॉफ्ट टिश्यू के संक्रमण के लिए पांच दिन, समुदाय के संपर्क में आने से हुए निमोनिया के मामले में पांच दिन और अस्पताल में हुए निमोनिया के लिए आठ दिन के लिए एंटीबायोटिक दी जानी चाहिए.

नैदानिक जांच हमें रोग के लक्षणों का कारण बनने वाले रोगजनकों के बारे में पता करने में मदद करती है. इससे संक्रमण का निदान करने के लिए बुखार, प्रोकैल्सीटोनिन स्तर, डब्ल्यूबीसी गणना, कल्चर या रेडियोलॉजी पर आंख मूंदकर भरोसा करने के बजाय एंटीबायोटिक की सही मात्रा तैयार करने में मदद मिलेगी.’’ आईसीएमआर ने गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए अनुभवसिद्ध एंटीबायोटिक चिकित्सा को सीमित करने की सलाह दी है.

इस अनुसंधान निकाय द्वारा एक जनवरी और 31 दिसंबर, 2021 के बीच किए गए सर्वेक्षण में कहा गया था कि भारत में बड़ी संख्या में अब रोगियों के लिए ‘कार्बापेनम’ एंटीबायोटिक उपयोगी साबित नहीं हो रही और उन पर अब इसका कोई असर नहीं हो रहा. डेटा के विश्लेषण ने दवा के प्रभाव को बेसर करने वाले रोगजनकों में निरंतर वृद्धि की ओर इशारा किया है और इस वृद्धि के परिणामस्वरूप उपलब्ध दवाओं के जरिए कुछ संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल हो गया है.

Related Articles

Stay Connected

1,754FansLike
1,447FollowersFollow
2,765SubscribersSubscribe

Latest Articles