पंजाब (ACN): देशभर में मां चिंतपूर्णी के भक्तों की कमी नहीं है। ऐसे में लोग खासतौर पर माता के दरबार हाजरी लगाने जाते रहते हैं। वहीं श्रावण अष्टमी मेलों दौरान तो इस प्रसिद्ध शक्तिपीठ पर संगत भारी मात्रा में आती है। वहीं अब माता के भक्तों के लिए इस समय एक बड़ी व अच्छी खबर सामने आ रही है।
इस दिन से शुरु हो रहे मेले
सबसे पहले बता दें कि श्रावण अष्टमी मेलों का आयोजन 17 से 25 अगस्त तक होगा। वहीं मेले में सभी आयोजन बेहतर तरीके से हो पाए इसके लिए मंगलवार को बाबा माईदास सदन में ए.डी.सी. ऊना महेंद्र पाल गुज्जर की अध्यक्षता में मीटिंग बुलाई गई। मेले में ए.डी.सी. और ए.एस.पी. पुलिस मेला अधिकारी होंगे। इसी के साथ एस.डी.एम. अम्ब सहायक मेला अधिकारी के तौर पर काम करेंगे।
ए.डी.सी. ने मीटिंग में कहीं यह बात
इस दौरान ए.डी.सी. ने बताया कि सावन अष्टमी मेला आशा देवी मंदिर से शीतला मंदिर तक कुल 7 सैक्टरों में बांटा जाएगा। मेले की सुरक्षा व अन्य व्यवस्थाओं को बनाए रखने के लिए करीब 1650 पुलिस व गृहरक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
24 घंटे खुले रहेंगे मंदिर के कपाट
मेले दौरान भक्तों के लिए खुशखबरी है कि इस दौरान मंदिर के कपाट पूरे 24 घंटे खुले रहेंगे। सिर्फ सफाई के लिए रात 11 से 12 बजे तक मंदिर बंद किया जाएगा। ऐसे में श्रद्धालु हर समय माता के दरबार में हाजरी लगा सकते हैं।
लंगर लगाने वालों के लिए जरूरी सूचना
वहीं मेले दौरान बहुत से लोग मंदिर के बाहर लंगर सेवा करते हैं। मगर इस बार उन्हें लंगर लगाने के लिए खासतौर पर अनुमति लेनी पड़ेगी। लंगर संचालकों को 10 हजार रुपए लंगर फीस और 10 हजार रुपए सिक्योरटी के तौर पर जमा करवाने होंगे। इसी के साथ सड़के आमने-सामने एक ही जगह लंगर लगाने की मनाही है। केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस के मुताबिक सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगा दी गई है। इसी के साथ कागज के पत्तलों व प्लेटों को इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है। मेले दौरान साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। अगर किसी लंगर संचालक द्वारा गंदगी फैलाई गई तो उसकी सिक्योरिटी तुरंत जब्त की जाएगी। ऐसे में इस बार मेले दौरान लंगर संचालकों को काफी ध्यान देने की जरूरत है।