विश्व प्रख्यात अमृतसर में लंगूरों का भव्य मैला 26 से शुरू
अमृतसर सिटी न्यूज
शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर को शुरू होने जा रहे हैं । इन नवरात्रों में पूरे नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा किए जाने का विधान होता है। वहीं दूसरी ओर अमृतसर में नवरात्रों के दिनों में लंगूरो का मैला बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। पहल नवरात्रे से लेकर विजय दशमी तक बच्चे व बड़े अपनी मनोकामनाएं पूरी होने पर लंगूर बनते है व इसे पूरे धार्मिक रिवाजों के साथ मनाया जाता है। दुर्गयाणा मंदिर में स्थित बड़ा हनुमान मंदिर में इसे हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
पंजाब प्रांत के अमृतसर जिले में जो पूरे विश्व में प्रख्यात है। यह मंदिर हनुमान जी का मंदिर है जहां साल में एक बार बहुत भव्य मेला लगता है। हनुमान मंदिर में यह मेला कार्तिक महीने में लगता है जो 10 दिन तक चलता है। इस मेले में दुनिया के कोने-कोने से बच्चे आते हैं। मेले में आए बच्चे यहां हिस्सा लेते हैं और लंगूर बनते हैं।
हनुमान जी का यह मंदिर बहुत प्राचीन है जो अमृतसर जिले में स्थित है। इस भव्य मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा विश्राम के मुद्र में मौजूद है। यह मंदिर उस पवित्र जगह पर स्थित है जहां लव-कुश ने हनुमान जी को वट वृक्ष के साथ बांधा था।
जो महिला यहां संतान प्राप्ति की इच्छा के लिए हनुमान जी की कृपा लेने आती है वह यहां मन्नत मांगती है कि संतान होने के बाद उसके बच्चे यहां लंगूर बनेंगे। इसलिए यहां हर साल बड़ी संख्या में बच्चे आते हैं और लंगूर बनते हैं। साल में एक बार लगने वाला यह मेला बहुत भव्य होता है।
यह है जरूरी
दिन में दो बार हनुमान जी के मंदिर में माथा टेकना आवश्यक है। अगर लंगूर बनने वाला बीमार है तो उसे भभूति ग्रहण करना पड़ता है। जो बच्चे यहां लंगूर बनने के लिए आते हैं उन्हें 10 दिन तक सुई-धागे और कैंची से दूर रहना पड़ता है और 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना होता है।
इनसे रहना चाहिए दूर
इन दिनो जो बच्चे लंगूर बनते है उन्हें कई चीजों का ध्यान रखना चाहिए व साफ-सुथरे जगह पर रहना चाहिए वहीं उनके माता-पिता को भी मांस मंदिरा आदि चीजो के आस-पास भी नहीं जाना चाहिए।