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Wednesday, June 18, 2025
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मान सरकार बुड्डे नाले की तर्ज़ पर तैयार करेगी तुंग ढाब ड्रेन को प्रदूषण-मुक्त करने का प्रोजैक्ट

*मान सरकार बुड्डे नाले की तर्ज़ पर तैयार करेगी तुंग ढाब ड्रेन को प्रदूषण-मुक्त करने का प्रोजैक्ट

 

*स्थानीय निकाय मंत्री द्वारा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को ड्रेन नवीनीकरण प्रोजैक्ट को तीन चरणों में मुकम्मल करने की हिदायत*

 

*डेयरियों के अपशिष्ट ड्रेन में गिरने से रोकने के लिए लगेगा बायो गैस प्लांट, तब तक डेयरियों में से गोबर और अन्य अपशिष्ट एकत्रित करेंगे नगर निगम और ज़िला प्रशासन*

 

*प्रोजैक्ट पूरा करने के लिए स्थानीय ज़रूरतों की पूर्ति के लिए ज़िला स्तरीय सांझा कमेटी बनाने के निर्देश*

 

 

 

, अमृतसर, नवंबर

 

लोगों को साफ़-सुथरा और रहने योग्य माहौल मुहैया कराने की अपनी वचनबद्धता के अंतर्गत मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार ने फ़ैसला किया है कि बुड्डे नाले की तर्ज़ पर अमृतसर की तुंग ढाब ड्रेन को प्रदूषण मुक्त करने का प्रोजैक्ट बनाया जायेगा।

 

ड्रेन को प्रदूषण मुक्त करके इसके सौंदर्यीकरण के लिए प्रोजैक्ट बनाने सम्बन्धी अहम मीटिंग की अध्यक्षता करते हुये स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर ने कहा कि राज्य को प्रदूषण मुक्त करने के लिए यहाँ के दरियाओं, नदियों और मौसमी नालों की साफ़-सफ़ाई की तरफ़ विशेष ध्यान दिया जाना समय की ज़रूरत है।

 

डॉ. निज्जर ने ड्रेन की सफ़ाई के लिए गठित शहरी और ग्रामीण क्षेत्र की कमेटियों के साथ मीटिंग के दौरान तुंग ढाब ड्रेन को साफ़ करने के लिए अलग-अलग पहलूओं पर ध्यान केंद्रित करते हुये कहा कि इस प्रोजैक्ट को तीन हिस्सों में बाँटकर औद्योगिक, डेयरी और घरेलू अपशिष्ट को अलग-अलग ट्रीट करके ही ड्रेन की सफ़ाई यकीनी बनाई जा सकती है।

 

अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि शहर में से गुज़रती कुल 20 किलोमीटर लम्बी इस ड्रेन में 39 उद्योगिक इकाईयां मौजूद हैं, जिनमें से 19 प्रदूषित पानी वाले उद्योग हैं और इनका 28 एम.एल.डी. औद्योगिक अपशिष्ट पानी तुंग ड्रेन में गिर रहा है। इसी तरह 17 गाँवों का घरेलू सीवरेज ड्रेन में गिर रहा है। इसके इलावा 176 डेयरियों से पशुओं का गोबर और अन्य अवशेष, जो कि 550 के.एल.डी. बनता है, तुंग ड्रेन में फेंका जा रहा है।

 

डॉ. निज्जर ने पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को हिदायत की कि ज़हरीले केमिकल वाले औद्योगिक अपशिष्ट को ड्रेन में गिरने से सख़्ती से रोका जाये और उद्योगों की निरंतर चैकिंग यकीनी बनाई जाये। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में ज़रूरत अनुसार कॉमन ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट लगाऐ जाएँ। मंत्री ने पंजाब लघु उद्योग और एक्सपोर्ट कारपोरेशन (पी.एस.आई.ई.सी.) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योगों के लिए कॉमन ऐफलूऐंट ट्रीटमेंट प्लांट हेतु ज़मीन पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को तुरंत मुहैया कराने की कार्यवाही आरंभ की जाये। इसी तरह उन्होंने पंजाब वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को शहर में चल रहे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों के विस्तार सम्बन्धी कार्यवाही शुरू करने के लिए भी कहा।

 

स्थानीय निकाय मंत्री ने डेयरियों के अपशिष्ट ड्रेन में गिरने से रोकने के लिए नगर निगम और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को डेयरियों से गोबर और अन्य अपशिष्ट एकत्रित करने की हिदायत की। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही बायो-गैस प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव भी बनाया जाये जिससे डेयरियों से गोबर और अन्य अपशिष्ट से गैस पैदा करके इसका घरेलू प्रयोग यकीनी बनाया जा सके। उन्होंने बताया कि नगर निगम से गीले कूड़े को भी इस प्लांट में इस्तेमाल किया जा सकेगा। डॉ. निज्जर ने गाँवों के सीवरेज को ड्रेन में गिरने से रोकने के लिए ज़िला प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को भी पाबंद किया।

 

मंत्री ने ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों को ड्रेन में साफ़ पानी छोड़ने के लिए जल्द से जल्द प्रस्ताव देने के निर्देश देते हुये कहा कि यह विधि ड्रेन की सफ़ाई को प्रदूषण-मुक्त करने के लिए कारगर साबित होगी। उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग के सचिव को ड्रेन के सफ़ाई सम्बन्धी प्रोजैक्ट को पूरा करने के लिए स्थानीय ज़रूरतों की पूर्ति और समस्याओं के हल के लिए ज़िला स्तरीय सांझा कमेटी बनाने के निर्देश भी दिए।

 

मीटिंग के दौरान अमृतसर से सांसद गुरजीत सिंह औजला, अमृतसर उत्तरी से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह, विभाग के सचिव श्री विवेक प्रताप, पी.एम.आई.डी.सी. एवं पंजाब वाटर सप्लाई और सीवरेज बोर्ड की सी.ई.ओ. श्रीमती ईशा कालिया, अमृतसर नगर निगम के मेयर करमजीत सिंह और कमिश्नर कुमार सौरभ राज और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।

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