जालंधर (ACN): पनबस-पीआरटीसी यूनियन ने एक बार फिर चक्का जाम करने का ऐलान कर दिया है। बता दें, उनके द्वारा ऐसा करने का कारण उनकी मांगे पूरा न करना है। मिली जानकारी के अनुसार, वे कई समय से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मगर सरकार मानों उनपर कोई ध्यान नहीं दे रही हैं। ऐसे में अब उन्होंने चक्का जाम करने की घोषणा की है।
इस दिन होगा चक्का जाम
मिली जानकारी के अनुसार, वे 22 जून को राज्यभर में रोष प्रदर्शन करेंगे। इसी के साथ 27 जून को पनबस व पीआरटीसी से संबंधित सभी सरकारी बसों का चक्का जाम होगा।
जालंधर के बस स्टैंड पर हुई मीटिंग
बताया जा रहा है कि पनबस-पीआरटीसी. यूनियन ने बीते दिन जालंधर बस स्टैंड के मीटिंग हाल में बैठक बुलाई थी। इस दौरान सभी जिलों के पदाधिकारी शामिल हुए थे। उन्होंने विभाग की नीतियों के खिलाफ विचार करने के लिए इस बैठक को बुलाया था।
यूनियन के प्रधान ने कही ये बात
मीटिंग यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल, महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों की अगुवाई में की गई। बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि जालंधर उपचुनाव के समय सीएम मान के साथ उनकी हुई मीटिंग में उनकी समस्या को हल करने के लिए 15 दिनों का समय मांगा गया था। मगर इस बात को अब 18 दिन बीत गए हैं। मगर कोई हल नहीं निकला है। आगे उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्य सचिव के साथ हुई मीटिंग में अधिकारियों ने उन्हें तसल्ली दी थी। मगर अब तक उनकी कोई मांग पूरी नहीं हो पाई है। ऐसे में अब उन्होंने चक्का जाम करके रोष प्रकट करने का फैसला लिया है।
ये हैं मांगे
अपनी मांगों की बात करते हुए महासचिव ने बताया कि उन्होंने ठेका कर्मचारियों को पक्का करने, निलम्बित किए 400 कर्मचारियों को बहाल करने, 5 % वेतन में बढ़ोतरी व कंडीशनों में बदलाव करने की मांगे रखी थी। मगर अभी तक सरकार ने इनमें किसी भी मांग को पूरा नहीं किया है। ऐसे में वे 22 जून , दिन वीरवार को रोष प्रदर्शन कर विभाग की नीतियों की पोल खोलेंगे। इसी बाद 27 जून को बसों का परिचालन बंद करने के लिए चक्का जाम करेंगे। इसके बाद के 28 जून को राज्य के मंत्रियों के घरों का घेराव भी करेंगे।
यूनियन के नेताओं ने कहीं ये बात
आगे यूनियन के नेताओं ने कहा कि ठेकेदारी सिस्टम के तहत विभाग को हर साल 20-25 करोड़ रुपए का जीएसटी लगता है। मगर सीधे तौर पर भर्ती करने से इन रुपयों को बचाया जा सकता है। वहीं इस अवसर पर सीनियर मीत प्रधान हरकेश कुमार, जगतार सिंह, सीनियर नेता चाणन सिंह, दलजीत सिंह जल्लेवाल, ज्वाइंट सचिव जोध सिंह समेत अन्य शहरों के सीनियर यूनियन नेता मौजूद थे।