केंद्र सरकार द्वारा भेजे जाने वाले खाद्यान्न में हो रहे घोटाले को लेकर डॉ. राजू ने केन्द्रीय खाद्यान्न मंत्री को चिट्ठी लिख की सीबीआई जांच की मांग।
चंडीगढ़ : 6 जनवरी
प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी द्वारा पूरे देश की जरूरतमंद व गरीब जनता के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण खाद्यन्न योजना’ के तहत भेजे जाने वाले खाद्यान्न में पंजाब में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में चल रहे घोटाले तथा गरीब और जरूरतमंद लोगों के नाम पर करोड़ों सरकारी धन की हेराफेरी को लेकर भाजपा पंजाब के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. जगमोहन सिंह राजू ने केंद्र सरकार के खाद्यान्न मंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिख कर सीबीआई जांच की मांग की है।
डॉ. जगमोहन सिंह राजू ने केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिख कर बताया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत जनता को मुफ्त खाद्यान्न प्रदान करने का ऐतिहासिक गरीब समर्थक निर्णय लिया है। इस योजना के तहत राशन कार्ड में सूचीबद्ध प्रत्येक व्यक्ति प्रति तिमाही 15 किलो गेहूं मुफ्त पाने के लिए पात्र है। हालांकि, अमृतसर में राशन कार्ड धारकों को केवल 12 किलोग्राम गेहूं दिया जा रहा है, हालांकि रिकॉर्ड पर 15 किलोग्राम गेहूं जारी किया गया है। प्रति व्यक्ति 3 किलो गेहूं की चोरी की जाती है और उसे काला बाजार में बेच दिया जाता है। जनता की शिकायत पर, मैंने व्यक्तिगत रूप से अमृतसर में कुछ पीडीएस राशन की दुकानों का दौरा किया है और पाया है कि वे केवल 12 किलोग्राम गेहूं जारी कर रहे हैं। यह मामला जनता की शिकायतों के बाद मीडिया द्वारा भी उठाया गया है। पूरे पंजाब में राज्य सरकार द्वारा केवल 12 किलो गेहूं जारी किया जाता है। 3 किलोग्राम गेहूं की वित्तीय लागत 25 रुपये प्रति किलोग्राम (गेहूं का बाजार मूल्य) के दर से यदी 1 करोड़ पात्र व्यक्तियों से गुणा की जाये तो इससे घोटाले की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
डॉ. राजू ने कहा कि इतना ही नहीं पंजाब में केन्द्र द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐसे खाद्यान्नों को पंजाब सरकार के नाम और मुहर में वितरित किया जा रहा है, जिससे लोगों के मन में यह गलत धारणा पैदा हो रही है कि यह सब राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है, जो उन्हें निशुल्क खाद्यान्न दे रही है। डॉ. राजू ने मांग की कि उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार के कारण चल रहे कदाचार को देखते तथा कृपया करोड़ों रुपये के घोटाले की सीबीआई जांच करवाई जाए, ताकि इस भ्रष्टाचार में शामिल लोग बेनकाब हो सकें और केंद्र सरकार द्वारा गरीब व जरूरतमंद जनता के लिए भेजी जा रही कोई भी सामग्री उन तक पूरी पहुँच सके।