सिस्टम की खामियों के कारण युवा रोजी रोटी के लिए विदेशों में धक्के खाने को मजबूर……..बराड़
अमृतसर (गगनदीप )
पंजाब नाटशाला में शनिवार की शाम को यंग मलंग थिएटर ग्रृप की ओर से पाली भूपिंदर लिखित नाटक चंदन दे ओहले का शानदार मंचन किया गया। नाटक सिस्टम पर चोट है,इसमें भ्रष्टाचार,भार्इ,भतीजावाद चरम पर है। इसके चलते किस तरीके से हमारी .युवा पीढ़ी-विदेशों को पलायन करती है। और वहां जाने के लिए क्या क्या हथकड़े अपनाए जाते है,इस नाटक में बाखूबी दिखाया गया है। वहां जाने के बाद हमारे लोगों को क्या क्या झेलना पड़ता है, को भी नाटक में बड़ी संजीदगी से पेश किया गया
नाटक के अंत में कलाकारों को शानदार पेशकारी के लिए बधार्इ देते हुए शिरोमणि नाटककार जतिंदर बराड़ ने कहा कि नाटक का मकसद है साफ सुथरा मंनोरजन तथा सम-सामयिक मुद्धो की तरफ लोगों का ध्यान दिलाना और यह नाटक उस कसौटी पर खरा उतरता है। सिस्टम की खामियों के कारण युवा पीढ़ी कन्फयूज है,अपने मुल्क में रोजी रोटी कमाने की बजाय विदेशों में धक्के खा रहे है।
इस ी दौरान नाटशाला संस्था की ओर से पेशकारी देने वालें कलाकारों को सर्टीफिकेट देकर सम्मानित भी किया गया।