अमृतसर, 20 मई (ACN): आम आदमी पार्टी ने सार्वजनिक रूप से अपने राज्य में कुशल कार्यकर्ताओं और विधायकों की अकुशलता को स्वीकार कर लिया है। आप’ ने पंजाब में अपने आपको असक्षम घोषित करार देते हुए बाहरी राज्यों के लोगों को पंजाब बोर्डो में नेतृत्व देकर यह साबित कर दिया है कि आम आदमी पार्टी पंजाबियों के सर्वोत्तम हितों की रक्षा करने में विफल है। जिसके चलते पंजाब के मुख्यमंत्री जो पंजाब के हकों की बात करते हैं, उन्हें इस फैसले पर सार्वजनिक होकर जवाब देना चाहिए कि ऐसी कौन सी मजबूरी है कि वे चुप बैठे हुए हैं। यह बात भाजपा महिला मोर्चा अमृतसर की अध्यक्ष व पार्षद श्रुति विज ने यहां जारी प्रैस विज्ञप्ति में कही। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री भी दिल्ली से आकर पंजाब चलाएगा।
उन्होंने बताया कि हाल ही में आप सरकार द्वारा किए गए नियुक्तियों से यह स्पष्ट होता है कि स्थानीय प्रतिभा को दरकिनार करके बाहरी लोगों को प्रमुख राजनीतिक पदों पर नियुक्त किया गया है। इन महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आए व्यक्तियों को बिना किसी प्रासंगिक अनुभव के रखा गया है।उन्होंने बताया कि दीपक चौहान, संदीप पाठक के पूर्व व्यक्तिगत सहायक हैं और उत्तर प्रदेश से आते हैं, को पंजाब के बड़े औद्योगिक विकास बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके पास औद्योगिक अनुभव की कमी गंभीर सवाल उठाता है कि सरकार पंजाब के विकास के प्रति कितनी गंभीर है। इसके अलावा, किसी गैर-पंजाबी को नियुक्त करना न केवल स्थानीय क्षमताओं के प्रति अनादर है, बल्कि हमारे मेहनती नागरिकों—करदाताओं के लिए भी अपमानजनक है। उन्होंने बताया कि इसी तरह रीना गुप्ता, जो दिल्ली एस.ई.आई.ए.ए की पूर्व सदस्य हैं और गैर-पंजाबी हैं, इन्हें पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह कदम न केवल पंजाब में उपलब्ध विशेषज्ञता को कम करता है, बल्कि वफादारी को योग्यता पर प्राथमिकता देने का भी संकेत देता है।मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब के मेहनती करदाताओं के पैसे को ऐसे खर्च कर रही है जैसे वह कोई छोटा सा व्यवसाय हो। ऐसी रणनीति हमारे राज्य के आर्थिक और पर्यावरणीय भविष्य के लिए अच्छी नहीं है। इन घटनाक्रमों के मद्देनजर, हम आम आदमी पार्टी के नेतृत्व से जिम्मेदारी लेने और तत्काल इस्तीफा देने की अपील करते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग सक्षम प्रतिनिधित्व और प्रशासन के हकदार हैं, न कि वर्तमान प्रशासन द्वारा प्रदर्शित असक्षमता और उपेक्षा का।