एसीएन चंडीगढ़: 12 अक्तूबर
भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा द्वारा पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा हाल ही में ली गई पीपीएसई परीक्षा के तहत नियुक्त किए गए नायब तहसीलदारों की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने अपनी जेबें भरने के लिए इस भर्ती प्रकिया में जमकर घोटाला किया है। शर्मा ने इस घोटाले की सीबीआई जाँच की मांग करते हुए कहा कि जो व्यक्ति क्लर्क की परीक्षा में उत्तीर्ण नहीं हो सका वह इसमें टॉपर कैसे हो गया। इससे स्पष्ट है कि भगवंत मान सरकार ने पिछले दरवाजे से पैसे लेकर यह नियुक्तियां की हैं।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि पीपीएसई परीक्षा में सिर्फ अनियमतताएं ही नहीं हुईं बल्कि भगवंत मान सरकार ने एक बड़े घोटाले को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि नायब तहसीलदार भर्ती घोटाला पंजाब के इतिहास में अपनी तरह का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि इसमें जनरल वर्ग के 19 में से 11 छात्रों का चयन पंजाब के विधानसभा क्षेत्र मूनक और पातड़ा से किया गया है। जिसमें से तीन उम्मीदवार आपस में रिश्तेदार हैं। इतना ही नहीं भगवंत मान सरकार ने परीक्षा में बैठने वाले 70,000 परीक्षार्थियों के साथ भी बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि परीक्षा में टॉपर जसवीर सिंह ने कुछ महीने पहले विधानसभा में स्वीपर पद के लिए आवेदन किया था और पटवारी के पद के साथ-साथ क्लर्क कम डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद की परीक्षा को पास करने में नाकाम रहा। शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को जनता के सामने स्पष्ट करना होगा कि आखिर परीक्षा में केवल एक ही विधानसभा के व्यक्तियों का ही चयन क्यों और कैसे किया गया? क्या किसी और विधानसभा के परीक्षार्थी इस लायक नहीं थे? शर्मा ने पंजाब सरकार द्वारा पेपर का रिजल्ट जल्दबाजी में जारी किए जाने पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसे ही मामले में उच्च न्यायालय में पहले से ही एक रिट लंबित है। शर्मा ने सवाल किया कि पंजाब सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में पंजाब के मूल निवासियों को वरीयता देने के वादे का पालन क्यों नही किया जा रहा। शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पेपर पंजाबी में क्यों नही लिया गया?